महिलाएं डाल रही है सेना की कार्रवाई में अड़चन: मणिपुर हिंसा को लेकर सेना का ट्वीट

मणिपुर हिंसा पर अब भारतीय सेना का ट्वीट स्थानीय महिलाएं सुरक्षा ऑपरेशंस में पैदा कर रही हैं अड़चने  

Manipur Violence Upadte: जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में शांति स्थापित करने के प्रयास में वहां की स्थानीय महिलाएं ही अड़चन पैदा कर रही हैं. भारतीय सेना ने आज मंगलवार (27 जून) को ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी.
फोटो: गूगल सर्च
बीते मई महीने से मणिपुर में फैली हिंसा को खत्म करने के लिए सेना और सरकारें लगातार कोशिशें कर रही है. हालांकि, अब तक शांति बहाल करने को लेकर की जा रही तमाम कोशिशें कामयाब नहीं हो सकी हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इसके लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कोई भी नतीजा अभी तक सामने नहीं आया है.

अब भारतीय सेना की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि 'मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर रास्तों को रोक रही हैं और सुरक्षा बलों के ऑपरेशन्स में दखल दे रही हैं. इस तरह का अनुचित दखल गंभीर परिस्थितियों के दौरान जिंदगी और संपत्ति को बचाने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से समय पर प्रतिक्रिया के लिए हानिकारक है. भारतीय सेना शांति बहाल करने का प्रयास के लिए जनता के सभी वर्गों से समर्थन करने की अपील करती है.
वीडियो में देखा जा सकता है कि महिलाएं बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर उग्रवादियों की भागने में मदद कर रही हैं. सेना की ओर से जारी किए गए वीडियो में कहा गया है कि मानवीय होना कमजोरी नहीं है. दरअसल, सेना की ओर से महिलाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. यही वजह है कि महिलाएं उग्रवादियों और दंगाईयों की भागने में मदद कर रही हैं.

उग्रवादी भागने में कर रहे एंबुलेंस का इस्तेमाल

वीडियो में देखा जा सकता है कि उग्रवादियों ने भागने के लिए एंबुलेस का इस्तेमाल किया है. वहीं, इन दंगाईयों को बचाने के लिए महिलाएं एस्कॉर्ट कर रही हैं. महिलाओं के दावे के हिसाब से शांतिपूर्ण तरीके से नाकाबंदी का मामला पूरी तरह से उलटा लगता नजर आता है. उग्रवादियों को महिलाओं की मदद से भागते हुए वीडियो में देखा जा सकता है.

सेना की ओर से मणिपुर की महिलाओं को लेकर दावा किया गया है कि वे सैन्य ऑपरेशन शुरु होने से पहले ही इकट्ठा होकर उसे रोकने की कोशिश करती हैं. इसके साथ ही आगजनी और दंगे की स्थिति पैदा होने से पहले ही सेना के मूवमेंट को ब्लॉक कर देती हैं.

विपक्ष भी लगातार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार को लेकर हमलावर है, कुछ विपक्षी नेता प्रधानमंत्री की इस विषय पर चुप्पी को लेकर उनको भी कठघरे में खड़ा कर रहे हैं. 

(द इनसाइड खबर)

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