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महिलाएं डाल रही है सेना की कार्रवाई में अड़चन: मणिपुर हिंसा को लेकर सेना का ट्वीट

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मणिपुर हिंसा पर अब भारतीय सेना का ट्वीट स्थानीय महिलाएं सुरक्षा ऑपरेशंस में पैदा कर रही हैं अड़चने   Manipur Violence Upadte: जातीय हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में शांति स्थापित करने के प्रयास में वहां की स्थानीय महिलाएं ही अड़चन पैदा कर रही हैं. भारतीय सेना ने आज मंगलवार (27 जून) को ट्वीट कर इस बारे में जानकारी दी. फोटो: गूगल सर्च बीते मई महीने से मणिपुर में फैली हिंसा को खत्म करने के लिए सेना और सरकारें लगातार कोशिशें कर रही है. हालांकि, अब तक शांति बहाल करने को लेकर की जा रही तमाम कोशिशें कामयाब नहीं हो सकी हैं. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी इसके लिए पूरे प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कोई भी नतीजा अभी तक सामने नहीं आया है. अब भारतीय सेना की ओर से ट्वीट कर कहा गया कि 'मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर रास्तों को रोक रही हैं और सुरक्षा बलों के ऑपरेशन्स में दखल दे रही हैं. इस तरह का अनुचित दखल गंभीर परिस्थितियों के दौरान जिंदगी और संपत्ति को बचाने के लिए सुरक्षा बलों की ओर से समय पर प्रतिक्रिया के लिए हानिकारक है. भारतीय सेना शांति बहाल करने का प्रयास के लिए जनता के सभी वर्गों से

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन दौड़ रहा है मौत का करंट: एक महिला की करंट से मौत

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New Delhi रेलवे स्टेशन खुले बिजली के तारों से करंट लगने से एक महिला की मौत, जिम्मेदार कौन? New Delhi Railway Station: राजधानी दिल्ली में रविवार (25 जून) की सुबह से हो रही बारिश के बीच नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से एक दर्दनाक खबर सामने आई है, जिसके अंदर 34 साल की एक महिला की करंट लगने से मौत हो गई.  पुलिस ने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बिजली के तार के संपर्क में आने से महिला को करंट लग गया जिस कारण ये हादसा हुआ. रेलवे और दिल्ली पुलिस मामले की जांच कर रही है, इसी बीच अब इस मामले को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. परिवार ने सवाल उठाया है कि मौके पर कोई एंबुलेंस, डॉक्टर या फिर पुलिस मदद के लिए मौजूद नहीं थी. जिसके चलते साक्षी आहूजा को जल्दी इलाज नहीं मिल पाया और उसने दम तोड़ दिया. फोटो इंस्टाग्राम: मृतका साक्षी   मृतका के पिता ने लगाए गंभीर आरोप मृतका साक्षी के पिता ने एक टीवी चैनल को दिए एक इंटरव्यू के दौरान ये आरोप लगाए हैं. जिसमें उन्होंने कहा कि स्टेशन से अस्पताल के लिए निकलने में करीब 40 मिनट लग गए, जिसके बाद अस्पताल ले जाते समय साक्षी की मौत हो गई. महिला के पिता ने कहा, रेलवे

आयुर्वेद में हर रोग के निवारण की चिकित्सा है: आचार्य वैद्य मनोज कुमार शर्मा

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आयुर्वेद के द्वारा सभी रोगों का निवारण संभव है अगर सही तरीके से इलाज किया जाय: वैद्य मनोज कुमार शर्मा  आयुर्वेद, एक प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति, मनुष्य के स्वास्थ्य और रोगों के उपचार के लिए ज्ञान और विज्ञान का एक आदर्श संग्रह है. यह प्राकृतिक उपचारों, आहार, औषधि और जीवनशैली के माध्यम से रोगों के निदान और उपचार में मदद करता है। आयुर्वेदिक चिकित्सा का मुख्य लक्ष्य संपूर्ण स्वास्थ्य और तंत्रिका संतुलन को स्थायी रूप से सुधारने में सहायता प्रदान करना है. वैद्य मनोज कुमार शर्मा: फोटो TIK   आयुर्वेद में रोग का निदान करने का सिद्धांत एक पूर्णतः व्यक्तिगत दृष्टिकोण है. यह मानता है कि हर व्यक्ति एक अद्यात्मिक स्वास्थ्य के साथ जन्मतः आता है और उसकी दिन प्रतिदिन की जीवनशैली उसके दोषों के संतुलन को बनाए रखने में सहायता कर सकती है. आयुर्वेद चिकित्सा में, रोग के निदान के लिए चिकित्सागत और व्यक्तिगत अवस्था का अवलोकन किया जाता है, जिसमें रोगी के शारीरिक और मानसिक स्थिति, अनुकरण और प्राकृतिक प्रकृति का मुल्यांकन किया जाता है. यह निदान प्रक्रिया रोग के मूल कारणों का पता लगाने में मदद करती है और रोगी क

विपक्ष की एकता: सत्ता की भूख और अहंकार की लड़ाई

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विपक्ष एकता की पोल दो ही दिनों में खुलने लगी है, ममता और केजरीवाल ने बिगाड़ा माहौल   द इनसाइड खबर , Opposition Parties Meeting: 23 जून को पटना में आयोजित बैठक में 15 विपक्षी दलों ने केंद्र में बीजेपी को हराने के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव एकजुट होकर लड़ने का संकल्प लिया था. लेकिन दो दिनों के बाद ही इन दलों में गंभीर मतभेद सामने आने लगे हैं. फोटो: पीटीआई अरविंद केजरीवाल कांग्रेस को खरी खोटी सुना रहे हैं, वही पंचायत चुनावों के दौरान टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी माकपा और कांग्रेस को भाजपा के साथ मिलकर उनके खिलाफ काम करने का आरोप लगा रही हैं. बसपा पहले ही विपक्ष के साथ नहीं है, वैसे इस समय बसपा को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं है, मायावती को अब राजनीति में गुजरा वक्त मान लिया गया है. तृणमूल, आम आदमी पार्टी और जेडीयू जैसी क्षेत्रीय पार्टियां विपक्षी एकजुटता के लिए प्रयास कर रही हैं. ऐसे में कांग्रेस जैसे बड़े दल किस हद तक समझौता करेंगे ये एक बड़ा प्रश्न है. अगर उत्तरप्रदेश की बात करें तो समाजवादी पार्टी विपक्ष का बड़ा चेहरा है. कांग्रेस का 2019 के लोकसभा चुनावों में सफाया हो गया था 80 लोकसभा सीटों मे