क्यों होती है कब्ज? कैसे करें उपचार: आयुर्वेद में चिकित्सा
कब्ज (Constipation) एक आम समस्या है जो व्यस्कों में खानपान और खराब जीवनशैली के कारण होती है. हमारी संवाददाता रिद्धिमा ने कब्ज के कारण लक्षण और आयुर्वेद उपचार पर वैद्य मनोज कुमार शर्मा से बातचीत की है.
नई दिल्ली, कब्ज एक सामान्य समस्या है जो आमतौर पर आयुर्वेद में "मलसंचारण विकार" के रूप में जानी जाती है। इसमें पाचन क्रिया में दिक्कत होती है और मल का निकास समय पर नहीं होता है.
वैद्य मनोज कुमार शर्मा |
इस विषय पर वैद्य मनोज कुमार शर्मा से हुई बातचीत का अंश
कब्ज के लक्षण
1. मल त्याग का अविश्वास2. मल सख्त, सूखा, छोटा या अत्यधिक कठोर होना
3. मल स्वभाव से बहुत ही गाढ़ा होना
4. दर्द या असहजता जब दस्त जाने के लिए प्रयास किया जाता है
5. पेट में गैस, पेट फूलना या अपच
उपचार
आयुर्वेद में कब्ज के उपचार के लिए कई प्राकृतिक औषधियाँ और उपाय होते हैं। कुछ मुख्य उपाय निम्नलिखित हैं:
1. त्रिफला: एक प्रमुख आयुर्वेदिक औषधि, जो पाचन को सुधारती है और मलसंचारण को बढ़ाती है.
2. घी: गर्म दूध में घी मिलाकर सेवन करना कब्ज को दूर करने में मदद कर सकता है.
3. त्रिकटु: यह एक और प्रभावी आयुर्वेदिक औषधि है जो पाचन को सुधारती है और कब्ज को दूर करती है.
4. व्यायाम: नियमित शारीरिक गतिविधि कब्ज को दूर करने में मदद कर सकती है.
इसके अलावा, सही आहार, पानी पीना, और नियमित व्यायाम भी कब्ज के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन किसी भी नई चिकित्सा योजना की शुरुआत से पहले डॉक्टर से परामर्श करना अच्छा होता है.
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