प्रेमानंद महाराज और विवाद, क्या सही, क्या गलत?
भारत में पुरातन संत परम्परा रही है यहां संतों को भगवान तुल्य माना जाता है लेकिन पिछले कुछ दशकों से कई ऐसे संत सामने आ रहे हैं जिनके ऊपर तमाम प्रकार के आरोप लगे हैं, आशाराम, राम रहीम और रामपाल जैसे कई तथाकथित संत तो जेल की हवा खा रहे हैं. सोशल मीडिया के इस जमाने में कई नामी धर्मप्रचारक और संत कहे जाने वाले व्यक्ति लाखों फॉलोवर्स के साथ रोज ऑनलाइन या ऑफलाइन संवाद भी करते हैं.
इनमें से एक वृंदावन के प्रेमानंद महाराज हैं. प्रेमानंद महाराज अपने चाहने वालों से अपने आश्रम में मिलते हैं, उनके चाहने वालों में कई बड़े सेलिब्रेटी और नेता भी शामिल हैं. कई बार प्रश्नों का उत्तर देते देते प्रेमानंद कई ऐसी बातें कह देते हैं जो आम आदमी को नागवार गुजरती है. ऐसा ही कुछ हाल ही में प्रेमानंद महाराज के साथ हुआ, शादियों के टूटने को लेकर दिए गए उनके वक्तव्य ने सोशल मीडिया में तूफान खड़ा कर दिया है.
राधावल्लभी संत, अनिरुद्ध कुमार पांडे (प्रेमानंद महाराज का असली नाम), का जन्म 1972 में एक गरीब ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका पूरा परिवार भगवान के प्रति समर्पित रहा है. प्रेमानंद महाराज जी का जन्म स्थान सरसौल ब्लॉक, आखिरी गांव, कानपुर, उत्तर प्रदेश है.
आज के युवा वर्ग को कटघरे में खड़ा किया
प्रेमानंद महाराज ने आज की पीढ़ी के युवकों और युवतियों के चरित्र पर सवाल उठाए हैं. प्रेमानंद महाराज ने कहा, अगर कोई युवक 4 लड़कियों से संबंध बनाता है, तो वह अपनी पत्नी से संतुष्ट नहीं रह पाएगा, क्योंकि उसे व्यभिचार की आदत लग चुकी होती है.
संत प्रेमानंद ने लड़कियों के चरित्र पर भी उठाया सवाल
प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि, इसी तरह, जो लड़की 4 पुरुषों से संबंध बना चुकी है, उसके अंदर एक पति को स्वीकार करने की हिम्मत नहीं रहती. प्रेमांनद ने यह भी कहा कि 100 में से मुश्किल से दो-चार कन्याएं ही ऐसी होती हैं जो पवित्र जीवन जीकर किसी एक पुरुष को समर्पित होती हैं. संत प्रेमानंद का बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है. उनके इस बयान के बाद से उन्हें भारी ट्रोलिंग का सामना कर रहे हैं हां कुछ लोग उनके बयान को ठीक भी कह रहे हैं.
शादी के बाद इतर संबंध आज आम बात है
शादी के बाद इतर संबंध आज एक आम घटना है, शादी के बाद भी पति या पत्नी का किसी के साथ अवैध संबंध रखना आज एक आम बात है. आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती हैं जब पति या पत्नी के बाहरी संबंधों के कारण कई बड़े अपराध सामने आते हैं. शादी से पहले भी शारीरिक संबंध बनाना आज फैशन है और शायद समाज एक मूक दर्शक के रूप में इसे स्वीकार भी करता दिखता है. इसके इसके पीछे एक आजादी वाली बात कही जाती है जैसे आज कोई पुरुष या महिला किसी एक खूंटे से बंधा नहीं रहना चाहता है.
इस विषय आपकी क्या राय है बताएं? क्या प्रेमानंद महाराज का वक्तव्य गलत है या फिर समाज में जो घट रहा है उसका प्रतिबिंब उनकी इस बात का कारण है. एक सही विश्लेषण जरूरी है.
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